बागेश्वर:यहां कृषि मेले का आयोजन,कास्तकारों के लिए लगे विभिन्न स्टाल,जानिए और क्या रहा खास मेले में?क्या बोले जिलाधिकारी देखिए विडियो
बागेश्वर आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत जनपद में कृषि मेलों का अयोजन किया जा रहा है। मंगलवार को किसान भागीदारी, प्राथमिकता हमारी मेले का कृषि विभाग व कृषि विज्ञान केंद्र के तत्वाधान में कृषि विज्ञान केंद्र काफलीगैर में आायोजित किया गया। मेले का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिलाधिकारी विनीत कुमार ने फीता काट कर किया।
उसके उपरांत उन्होंने मेले में लगे स्टॉलों का निरीक्षण किया व जानकारियां ली। कृषि मेले में किसानों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी श्री कुमार ने कहा कि जनपद में मुख्य व्यवसाय कृषि है, अधिकांश कृषक लघु एवं सीमान्त श्रेणी के है, छोटे एवं बिखरे खेत है, सिंचाई की सुविधा कम है, इन कारणों से पर्वतीय आंचल में खेती के लिए किसानों द्वारा प्राय: परंम्परागत कृषि तकनीक अपनायी जाती है। उन्होंने कहा कि कृषकों का जीवन निर्वाह का प्रमुख साधन कृषि है, ऐसे में समावेशी कृषि अति लाभकारी है। उन्होंने कहा किसान कृषि के साथ पशुपालन, कुटकुट पालन, मत्स्य पालन, मौन पालन, बकरी पालन, रेशम, मशरूम, बेमौसमी सब्जी उत्पादन आदि भी करें, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकें। उन्होंने कहा सभी अधिकारी आपसी समन्वय स्थापित कर किसानों को योजनाओं का लाभ पहुंचायें। श्री कुमार ने कहा कि शोध से ही फसलों,सब्जियों आदि के नये-नये प्रजातियां विकसित होती है, इन्हें धरातल पर लाना मुख्य बात है। किसान इन्हें धरातल पर अपनायें व लाभ उठायें, जो भी तकनीकि मदद होगी वैज्ञानिको व विभागीय अधिकारियों द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने कहा किसान समेकित खेती करें, तथा उन्नत बीज उपकरणों का उपयोग कर उत्पादन बढायेंं। उन्होंने कहा कि किसान जागरूक होकर योजनाओं का लाभ लें। उन्होंने कहा किसान कलस्टर में उत्पादन करें, तथा अपने उत्पादो के ग्रेडिंग, पैंकेजिंग व मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि प्रागेशिव किसानों से संवाद करें व लाभ उठायें। उन्होंने कहा अधिकारी अधिक से अधिक क्षेत्र भ्रमण करे व योजनाओं की जानकारी कास्तकारों को दें। मुख्य विकास अधिकारी संजय सिंह ने कहा कृषि मेले का मुख्य उद्देश्य अधिकारियों, कृषि वैज्ञानिकों व कृषकों का संवाद स्थापित कर लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि कृषक समेकित कृषि पर जोर दें, तथा पशुपालन भी आर्थिकी का आधार है, इससिए पशुपालन पर भी विशेष ध्यान दें। निदेशक विवेकांनद कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोंडा डॉ0 लक्ष्मीकांत ने कृषि उत्पादन तथा उनकी सुरक्षा तकनीकि जानकारी देते हुए कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र ने अब तक 175 पर्वतीय फसल प्रजाति विकसित की गई है। इन प्रजातियों को अपनाकर किसान लाभ उठायें व आमदनी बढायें। उन्होंने कहा कि समेकित व जैविक खेती करें तथा विपणन के लिए बाजार भी ढूढें। कार्यक्रम में मुख्य कृषि अधिकारी सीएस वर्मा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 आर. चन्द्रा ने कहा कि नेशल मिशन ऑफ एग्रीकल्चर एंक्सटेंशन (नैमेट) आतमा योजना अंतर्गत किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी किसान मेले लगायें जा रहें है, जिनका मुख्य उद्देश्य नेचुरल फार्मिंग प्रेरित करना है। उन्होंने फसल चक्र व उन्नत एवं प्राकृतिक खेती के गुर किसानों को बतायें। अग्रिम बैंक अधिकारी ने कहा कि पीएम किसान निधि के अंतर्गत किसानों के केसीसी बनायें जा रहे है। उन्होंने कृषि के साथ कुटकुट पालन, मत्स्य, पशुपालन में भी केसीसी बनाने कृषि बीमा कराने की भी अपील की। कृषि मेले में प्रोगेशिव किसान चन्द्र शेखर पांडे ने किसानों के साथ अपने अनुभव साझा किये और कहा कि प्राकृतिक कृषि के साथ ही सगंध खेती करने पर जोर दिया। मेले में अधिकारियों, वैज्ञानिकों तथा कृषकों द्वारा आपसी संवाद कर किसानों की जिज्ञासायें व समस्यायें सुनी व उनका समाधान किया गया। कृषि मेले में जनपद के प्रगतिशील किसान दरवान सिंह, ममता मेहता, मुन्नी देवी, पूरन चन्द्र तथा बालम सिंह को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कृषि, उद्यान, सहकारिता, डेयरी, रेशम, पशुपालन, कृषि विज्ञान केंद्र, स्वंय सहायता समूहों द्वारा स्टॉल लगाकर किसानों को विभिन्न योजनाओं, फसलों, कीट नाशकों तथा उपकरणों की जानकारियां दी गयी। मेले में जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या, भूमि संरक्षण अधिकारी गीतांजलि बंगारी, लीड बैंक अंधिकारी एनआर जौहरी, मत्स्य अधिकारी मनोज मियान, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ0 जेएस बिष्ट, प्रभारी कृषि विज्ञान केंद्र डॉ0 कमल पांडे सहित लगभग 210 किसानों द्वारा प्रतिभाग किया गया।