देहरादून :(बिग न्यूज) शिक्षा विभाग में कार्मिकों को लेकर नया आदेश

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गम्भीर रोगग्रस्त कार्मिकों के सम्बन्ध में। प्रायः यह देखा जा रहा है कि गम्भीर रूप से रोगग्रस्त कार्मिकों द्वारा महानिदेशालय स्तर पर सम्द्धीकरण हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किये जा रहे हैं, जबकि कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग-2, उत्तराखण्ड शासन के शासनादेश संख्याः 1-120988/2023/XXX(2)/E-33080 दिनांक 10 मई, 2023 (संलग्न) के बिन्दु-2 (क) के अनुसार यदि किसी विद्यालय में शैक्षणिक सत्र के मध्य स्वास्थ्य कारणों (कैंसर, ब्लड कैंसर, एड्स / एच.आई.वी. (पोजिटिव), हृदय रोग (बाय पास सर्जरी अथवा एंजियोप्लास्ट्री किया गया हो), किडनी रोग (दोनों किडनी फेल हो जाने से डायलिसिस पर निर्भर, किडनी ट्रांसप्लान्ट किया गया हो अथवा एक किडनी निकाली गयी हो), ट्यूबर कुलोसिस (दोनों फेफड़े संक्रमित हो अथवा एक फेफड़ा पूर्णतः खराब हो), स्पाईन की हड्डी टूटने, सार्स (थर्ड स्टेज), मिर्गी, मानसिक रोग आदि अन्य गम्भीर रोग) के प्रकरण संज्ञान में आते हैं, तो प्रभावित कार्मिकों को उनके ऐच्छिक स्थान में रिक्ति की उपलब्धता की दशा में सक्षम प्राधिकारी द्वारा शैक्षणिक सत्र की समाप्ति अथवा स्वस्थ हो जाने पर प्रस्तुत प्रमाण पत्र (जो भी पहले हो) तक नितान्त अस्थायी तौर पर कार्य योजित किया जा सकेगा। इन मामलों में चिकित्सा बोर्ड / सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र आवश्यक होगा।उक्त सम्बन्ध में निर्देशित किया जाता है कि शैक्षणिक सत्र के मध्य उक्त शासनादेश में उल्लिखित बीमारी / स्वास्थ्य कारणों से यदि कोई कार्मिक प्रभावित होता है. तो चिकित्सा बोर्ड / सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर सम्बन्धित कार्मिक द्वारा किये गये अनुरोध पर ऐच्छिक स्थान पर सम्बन्धित पद रिक्त होने की स्थिति में जनपदान्तर्गत मुख्य शिक्षा अधिकारी, मण्डलान्तर्गत सम्बन्धित मण्डलीय अपर निदेशक व एक मण्डल से दूसरे मण्डल की स्थिति में सम्बन्धित निदेशक द्वारा कार्ययोजित किया जा सकेगा। उक्त प्रक्रिया में शासनादेश का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाये, अन्यथा की स्थिति में सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।