वो युवा जी जान से करता है मेहनत सरकारी अमले में एक नौकरी पा सकूं,लेकिन बैक डोर में कुछ और ही चल रहा होता आंखिर कब तक झेलेगा ये योग्य युवा बेरोजगारी का दर्द

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अक्सर देखने में आता है एक योग्य प्रतिभावान बेरोजगार युवा एक अदद नौकरी के लिए प्रतियोगिता परीक्षा देने के लिए दिन रात एक कर देता है लेकिन उसकी इस हाड़तोड़ मेहनत के बाद वो परीक्षा भी देता है ,लेकिन उस बेचारे बेरोजगार युवा का अच्छा करने के बाद भी पत्ता कट जाता है,वही कुछ बैक डोर से एंट्री कर उस योग्य बेरोजगार युवा का सपना चूर चूर कर देते हैं,क्योंकि उन बैक डोर वालों के आका अपनी अंदर तक पहुंच का ऐसा ताना बाना बुनते हैं कि योग्यता धरी की धरी रह जाती ऐसा ही तो हो रहा है अपने इस छोटे से प्रदेश उत्तराखंड में जिस तरह से यहां का योग्य युवा लगातार दबता रहा है।इसी का जीता जागता उदाहरण है यूकेएसएसएससी जिस तरह यह भर्ती सवालों के घेरे में आई और पहुंच और पैसों का बोल बाला रहा एक एक कर परदे खुल रहे हैं और एक से लेकर २दर्जन से अधिक लोगों की गिरफ्तारी और कैसे इनके द्वारा पूरी भर्ती प्रक्रिया को सवालों के घेरे में डाल दिया अपने आप में बड़ा सवाल है ,अब सवाल ये भी उठना लाजमी है की राज्य बनने के बाद से ही क्या ऐसा होता रहा न मालूम कितने योग्य कर्मठ युवाओं के सपने चकनाचूर हुवे होंगें ये भी बड़ा सवाल है,अब तो उत्तराखंड के हर युवा की एक ही आवाज है की नीद में सोया अमला जाग जाए और बैक डोर से चल रहे इस गंदे खेल का खात्मा कर ऐसी व्यवस्था कायम करे की किसी योग्य और मेहनती युवा बेरोजगार की उम्मीदें न टूटे।