बागेश्वर:कृषि विज्ञान केंद्र कफलीगैर में आयोजित हुआ कीवी महोत्सव एवं कृषक सम्मान समारोह,700 कृषकों ने की सहभागिता

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बागेश्वर,

📌 उत्तराखंड रजत उत्सव के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र कफलीगैर में आयोजित हुआ कीवी महोत्सव एवं कृषक सम्मान समारोह
📌 जिलाधिकारी आकांक्षा कोंडे और जिला पंचायत अध्यक्ष शोभा आर्या ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ

उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर उत्तराखंड रजत उत्सव के अंतर्गत सोमवार को कृषि विज्ञान केंद्र कफलीगैर में कीवी महोत्सव एवं कृषक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में लगभग 700 कृषकों ने सहभागिता की। इस अवसर पर दो स्वयं सहायता समूहों को ट्रैक्टर, आटा चक्की एवं ब्रश कटर प्रदान किए गए, जबकि 30 कृषकों को बीज एवं 25 कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए।

जिलाधिकारी ने कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य, रेशम, सहकारिता, डेयरी एवं अन्य विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण किया। उन्होंने कृषकों को उपलब्ध कराई जा रही नवीन तकनीकों और उपकरणों जैसे वी.एल. पॉलीटनल, स्याही हल, थ्रेशर तथा फूड प्रोसेसिंग इकाइयों की जानकारी ली।

इस अवसर पर प्रेरणादायक कार्य करने वाले कृषकों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए। सहकारिता विभाग द्वारा कृषकों को ₹9.5 लाख का शून्य ब्याज दर पर ऋण वितरित किया गया।

जिला उद्यान विभाग द्वारा आयोजित कीवी प्रदर्शनी इस वर्ष भी आकर्षण का केंद्र रही। विभाग ने अपने तीन प्रगतिशील कृषकों को सम्मानित किया। प्रगतिशील कृषक भवान सिंह कोरंगा ने बताया कि उन्होंने बीते वर्ष केवल कीवी उत्पादन से ₹20 लाख की आय अर्जित की। जिलाधिकारी आकांक्षा कोंडे ने उनके प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे नवाचार अन्य कृषकों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष शोभा आर्या ने कहा कि “हमें स्वदेशी अपनाना है। किसान भाई अपने उत्पाद बढ़ाने का कार्य करें, प्रशासन और जनप्रतिनिधि आपके साथ खड़े हैं।”

इस अवसर पर जिलाधिकारी आकांक्षा कोंडे ने कहा कि “हम राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहे हैं। पर्वतीय क्षेत्र की महिलाएँ और पुरुष दोनों अत्यंत परिश्रमी हैं। देश की लगभग 50 प्रतिशत जनसंख्या कृषि से जुड़ी है। पहाड़ी कृषि चुनौतीपूर्ण है, लेकिन इसका भविष्य उज्ज्वल है। बढ़ती मांग और सीमित आपूर्ति की स्थिति में किसानों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।”

उन्होंने सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए और कहा कि “किसानों की समस्याओं के समाधान एवं उनकी आय में वृद्धि के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास करेगा।”

कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी आर.सी. तिवारी, परियोजना निदेशक शिल्पी पंत, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. राजकुमार, कृषि अधिकारी राजेंद्र उप्रेती, कास्तकार भवान सिंह कोरंगा, मनोज कोरंगा, नैन सिंह, चंपा रौतेला, मंगल पूरी, डूंगर सिंह, आनंद सिंह शाही सहित कृषि, उद्यान, पशुपालन, सहकारिता विभागों के अधिकारी, प्रगतिशील कृषक, महिला स्वयं सहायता समूह और स्थानीय जनप्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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