बागेश्वर में संघर्ष वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने स्मार्ट मीटर लगाने की योजना वापस लेने की मांग को लेकर दिया ज्ञापन

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बागेश्वर में संघर्ष वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने की योजना वापस लेने और यूपीसीएल के निजीकरण की कोशिशें बंद करने के संबंध में उपजिलाधिकारी बागेश्वर के माध्यम से मुख्यमंत्री , उत्तराखण्ड सरकार, को ज्ञापन दिया है।संघर्ष वाहिनी अध्यक्ष कवि जोशी के नेतृत्व में वाहिनी कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन में कहा है

महोदय, आपकी सरकार बिजली के स्मार्ट मीटर लगा रही है जिसे पहले प्रीपेड मीटर के नाम से लगाने की योजना थी। भारी जनविरोध के बाद प्रीपेड मीटर योजना का नाम बदलकर स्मार्ट मीटर योजना कर दिया गया। पहले ही डिजिटल मीटर पूरे प्रदेश में लगे हुए हैं तब ये नए मीटर लगाए जाने की आवश्यकता समझ से परे है। बिजली चोरी रोकने का तर्क देकर जो स्मार्ट मीटर लगाए जाने की योजना बनाई गई है वह केवल भरमाने की कोशिश है क्योंकि जो भी लोग पहले से ही मीटर लगाए हुए हैं वे बदस्तूर बिजली बिल जमा करते हैं। ऐसे में इसके पीछे यूपीसीएल के निजीकरण और भविष्य में इन मीटरों को प्रीपेड बनाने की कोशिशें ही प्रतीत होती हैं जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं। महोदय, आपकी सरकार द्वारा पहले ही कई कई बार बिजली दरों में वृद्धि करके आम जनता के लिए मुश्किलें खड़ी की गई हैं और अब आपकी सरकार स्मार्ट बिजली मीटर लगाने की योजना पर काम कर उनकी मुश्किलों को बढ़ाने का काम कर रही है।

अपने ज्ञापन में संघर्ष वाहिनी ने ये मांगें की हैं, ,

1. राज्य में विद्युत के स्मार्ट मीटर लगाने की योजना वापस ली जाए और बिजली मीटरों की पुरानी पद्धति जारी रखी जाए।

2. यूपीसीएल के निजीकरण-ठेकाकरण की कोई भी कोशिश बंद की जाय।

3. लगातार जारी लो-वोल्टेज की समस्या और उसके बावजूद बिजली बिलों में भारी बढ़ोत्तरी पर रोक लगाई जाए।

4. बिजली दरों में किसी भी तरह की वृद्धि न की जाए। 5. विद्‌युत बिलों में मीटर रीडिंग के अतिरिक्त लगाये जाने वाले फिक्स चार्ज को समाप्त किया जाय।

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