बागेश्वर:ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर गोष्ठी का आयोजन

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14 दिसम्बर, 2024 बागेश्वर। उत्तराखण्ड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) बागेश्वर के तत्वावधान में मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सभागार में ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का शुभारम्भ करते हुये मुख्य अतिथि मुख्य शिक्षा अधिकारी गजेन्द्र सिंह सौन ने कहा कि ऊर्जा आर्थिक विकास की मूल-भूत आवश्यकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों कृषि, उद्योग, वाणिज्य, परिवहन एवं घरेलू आदि समस्त क्षेत्रों में ऊर्जा की मांग अपने सभी रूपों में निरंतर बढ़ रही है। भविष्य में विष्य में ऊर्जा की होने वाली कमी के मध्यनजर यह नितांत आवश्यक हो गया है कि ऊर्जा के अन्य सम्भव श्रोतो पर अभी से ध्यान केन्द्रित करते हुए उनके कुशलतापूर्वक उपयोग की तकनीकें विकसित की जाय ताकि भावि पीढ़ी के लिये समुचित संसाधन उपलब्ध रहे। इस दिशा में अक्षय ऊर्जा श्रोत सर्वोत्तम विकल्प है। सौभाग्य से भारत मं विशेषकर उत्तराखण्ड में अक्षय ऊर्जा के श्रोत प्रकृति से उपहार स्वरूप प्रदत्त हैं। आवश्यकता इस बात की है कि हम इनके विषय में समझें व इनका वैज्ञानिक दोहन करें।

विशिष्ट अतिथि वृक्ष मित्र किशन सिंह मलड़ा ने गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि ऊर्जा की बड़ती खपत से हमारी जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता लगातार बड़ रही है। तेल-गैस की बढ़ती कीमतों व सीमित भण्डार होने के कारण हमारी जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता निरंतर बढ़ रही है। जीवाश्म ईंधन के प्रयोग से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण की वजह से भावी पीढी के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है।

उरेड़ा के अवर अभियंता मनीष कनवाल ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी प्रदान की।

दीप चन्द्र जोशी, प्रधानाचार्य ने कहा कि उरेड़ा द्वारा प्रदेश में सौर ऊर्जा, जल-विद्युत ऊर्जा एवं बायोमास से विद्युत उत्पादन के कार्यक्रम क्रियान्वित किये जा रहे हैं। यदि हम अपने घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति ऊर्जा के अन्य वैकल्पिक ऊर्जा के इन अन्य साधनों से पूर्ण करने में सफल हो गये तो ग्रिड की ऊर्जा का उपयोग हम उद्योग धन्धों, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में कर सकेंगे तथा राष्ट्र के विकास में अपना योगदान कर सकेंगे।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रेम प्रकाश उपाध्याय, स०अ० ने ऊर्जा के महत्व पर विस्तृत चर्चा की।

इस अवसर पर विगत दिनों हुई निबन्ध व चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर आये प्रतिभागियों को कुल 18000 रू0 की धनराशि पुरस्कार स्वरूप व प्रशस्ति पत्र प्रदान किये तथा कार्यक्रम में स्थानीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर दीवान सिंह, सुनीता आर्या, कविता चन्याल, प्रदीप सिंह रावत, महिपाल सिंह खेतवाल, हरीश रावल आदि लोग उपस्थित थे।