SSB जवानों ने विश्व रक्तदान दिवस पर किया रक्तदान

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ग्वालदम:विश्व रक्तदान दिवस पर शिविर का शुभारंभ करते हुए एसएसबी के उप महानिदेशक अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अवश्य रक्तदान करना चाहिए। जो व्यक्ति रक्तदान नही कर सकता उन्हें अन्य लोगो को रक्तदान के लिए प्रेरित करना चाहिये। उन्होंने कहा कि रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है। उन्होंने कहा कि रक्तदान करने से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है। रक्तदान जरूरतमंदों की जान बचाने में सहायक सिद्ध होता है।एसएसबी परिसर ग्वालदम में रेडक्रॉस समिति बागेश्वर द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में एसएसबी के सौ जवानों ने रक्तदान किया। इस मौके पर एसएसबी के उप महानिदेशक अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि एक स्वस्थ्य इंसान को हर तीन महीने रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान करने से ना केवल व्यक्ति स्वस्थ रहता है बल्कि उसके द्वारा दिये गए रक्त से किसी जरूरतमंद व्यक्ति को नया जीवनदान मिल सकता है। उन्होंने रक्तदान शिविर आयोजित करने के लिए रेडक्रास सीमित बागेश्वर एवं ब्लड बैंक बागेश्वर की टीम का आभार व्यक्त क़िया।शिविर में एसएसबी के जवानों के अलावा केंद्रीय विद्यालय ग्वालदम, राजकीय महाविद्यालय तलवाडी ने शिक्षकों और स्थानीय व्यापारियों ने भी रक्तदान किया। इस अवसर पर एसएसबी के डीआईजी ने भी रक्तदान किया।

इस मौके पर रक्तदाताओं को प्रमाण पत्र भी दिए गए। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि र‍क्तदान से हार्ट अटैक की आशंका कम होती है। रक्तदान से खून कुछ मात्रा में पतला हो जाता है और हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। वहीं शरीर में ऑक्सीजन ठीक ढंग से सप्लाई होती है।वही डॉ सुमित सुपांकर ने बताया की हमारे जवान समय समय पर रक्तदान कर जीवन बचाने में सहयोग करते रहते है आज भी जवानों के साथ साथ क्षेत्रीय लोगो ने रक्तदान कर सभी को प्रेरित करने का काम किया है।गौरतलब है कि विश्व रक्तदान दिवस हर वर्ष 14 जून को मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस दिन को रक्तदान दिवस के रूप में घोषित किया गया है।इस अवसर पर किशोर कुमार पाठक, सुमित भारद्वाज, दिनेश कुमार, अरविंद मलिक, डॉ सावित्री शुक्ला, प्रधानाचार्य केंद्रीय विद्यालय अनीता बिष्ट, रेडक्रॉस के जिला सचिव आलोक पांडेय, प्रदेश प्रतिनिधि दीपक पाठक, कोषाध्यक्ष जगदीश उपाध्याय, उमेश जोशी, हिमाशु जोशी, कन्हैया वर्मा, सुरेश सती, आतिर अहमद, अमित रावत, ज्येष्ठ प्रमुख महावीर साह आदि मौजूद थे।