उत्तराखंड-(बिग न्यूज) यहां इस स्टोन क्रेशर में 1 करोड़ 85 लाख की पेनल्टी, बंद खरीद बिक्री भी , एसे कर रहा था वारे न्यारे

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हल्द्वानी-जिलाधिकारी नैनीताल के पत्र संख्या 05/30जी0सी0/2023 दिनांक 06 जनवरी 2023 द्वारा मै० के०सी०एस० स्टोन क्रेशर हल्द्वानी में अवैध खनन किये जाने के सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी हल्द्वानी, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हल्द्वानी एवं उपनिदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म इकाई जनपद नैनीताल को प्रभागयी वनाधिकारी तराई केन्द्रीय वन प्रभाग, रूद्रपुर के साथ संयुक्त निरीक्षण किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। जिसके अनुपालन में आज दिनांक 07.01.2023 को सम्बन्धित विभागों द्वारा संयुक्त निरीक्षण किया गया। संयुक्त निरीक्षण के दौरान पाया गया कि मै० के०सी०एस० इन्फ्राटेक एल०एल०पी०, ग्राम हरिपुर फुटकुँआ, तहसील हल्द्वानी जिला नैनीताल द्वारा अपने डग के पीछे वन विभाग की सीमा से लगी हुई भूमि पर अवैध रूप से गढढा खोदकर उपखनिज निकाला गया है।जिसकी पैमाईश करने पर औसतानुसार लगभग 100 मीटर लम्बाई, 40 मीटर चौडाई एवं 9.5 मीटर गहराई में अवैध रूप से गढढा खोदा गया है जिसमें स्वैल फैक्टर 1.6 मानते हुए 60.800 घन मीटर उपखनिज निकाला गया है।इससे पूर्व दिनांक 26.01.2022 को खनन विभाग द्वारा प्रश्नगत स्टोन क्रेशर का औचक निरीक्षण करने के उपरान्त पाया गया कि स्टोन क्रेशर की डग की पीछे वन विभाग की सीमा से लगी हुई भूमि में 60 मीटर लम्बाई, 140 मीटर चौडाई एवं 8 मीटर गहराई में अवैध रूप से गढढा खोदकर उपखनिज का अवैध खनन किया गया था। जिसमें स्वैल फैक्टर 1.6 मानते हुए तत्समय में 30720 घन मीटर / 67584 टन उपखनिज का अवैध खनन किया गया। जिस पर रायल्टी का चार गुना अर्थात रू0 616 प्रति घन मीटर की दर से रू0 1,89,23,520 /- (एक करोड नवासी लाख तेईस हजार पाँच सौ बीस रू० मात्र) की धनराशि वसूलने हेतु संस्तुति की गयी थी।इस प्रकार से वर्तमान में उक्त गढढे से 30080 घन मीटर (60.800-30,720) अर्थात 67760 टन उपखनिज अतिरिक्त रूप से खनन कर उपखनिज निकाला गया है। जिस पर रायल्टी का चार गुना अर्थात रू0 616 प्रति घन की दर से 1,85,29,280/- (एक करोड पिचासी लाख उन्तीस हजार दो सौ अस्सी रू० मात्र) आरोपित करने की संस्तुति की जाती है। इस प्रकार से विदित है कि उक्त स्टोन क्रेशर द्वारा बार-बार उपखनिज का अवैध रूप से खनन किया जा रहा है को दृष्टिगत रखते हुए उक्त स्टोन क्रेशर के उपखनिज की क्रय-विक्रय पर रोक लगाने हेतु ई-रवन्ना पोर्टल बंद करने की संस्तुति की जाती है।

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