11वीं पुण्यतिथि पर प्रेस क्लब बागेश्वर में भावपूर्ण ढंग से याद किए गए जनकवि गिरीश तिवारी गिर्दा
उत्तराखण्ड के प्रमुख जनकवि साहित्यकर्मी स्वर्गीय गिरीश तिवारी गिर्दा की 11वीं पुण्यतिथि के मौके पर हर साल की तरह इस बार भी प्रेस क्लब बागेश्वर द्वारा श्रद्धांजलि सभा और पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रेस क्लब के अध्यक्ष चन्दन सिंह परिहार की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में सर्वप्रथम उपस्थित जनों द्वारा सामूहिक रूप से स्वर्गीय गिर्दा के चित्र के आगे दीप प्रज्ज्वलित कर पुष्प अर्पित किए गए। क्लब के अध्यक्ष परिहार ने स्वर्गीय गिर्दा की जीवनी, संस्मरणों और योगदान पर सविस्तार प्रकाश डाला। उन्होने स्वर्गीय गिर्दा की, उत्तराखण्ड बनाओ आंदोलन, चिपको आंदोलन, नशा नहीं रोजगार दो आंदोलन में अग्रणी भूमिका को सविस्तार सामने रखा।
वरिष्ठ पत्रकार रमेश पाण्डेय कृषक ने स्वर्गीय गिर्दा के जीवन के हर पहलू और उनके योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि 1967 में ‘गिर्दा’ सरोवर नगरी नैनीताल में आये वहा ‘गिर्दा’ बृजेन लाल शाह से मिले । ‘गिर्दा’ बृजेन लाल शाह जी से बचपन से ही प्ररित थे । ‘गिर्दा’ ने उन्से 800 से ज्यादा धुनें और शब्दो का उपयोग सीखा। उन्ही से ‘गिर्दा’ ने संगीत का चरित्रीक विस्लेषण सीखा । आजीविका चलाने के लिए क्लर्क से लेकर वर्कचार्जी तक का काम करना पड़ा। फिर संस्कृति और सृजन के संयोग ने कुछ अलग करने की लालसा पैदा की। अभिलाषा पूरी हुई जब हिमालय और पर्वतीय क्षेत्र की लोक संस्कृति से सम्बद्ध कुछ करने का अवसर मिला। उन्होने कहा कि, गिर्दा भौतिक रूप से आज हमारे बीच नहीं है। एक शरीर चला गया लेकिन उनका संघर्ष, उनकी बात, उनके गीत, उनकी कविता, उनके लोक नाटकों में उठाए गये मुद्दे और जो कुछ वह समाज को दे गये वह सारा कुछ हमेशा जनसंघर्षो को ऊर्जा देता रहेगा। गिरदा आम जन की हर लड़ाई में संघर्ष के गीत गाते रहेंगे। जनता के पक्ष के कवि की आवाज हमेशा जिन्दा रहेगी।
इसके अलावा वरिष्ठ पत्रकार घनश्याम जोशी, प्रख्यात पर्यावरणविद किशन सिंह मलड़ा, प्रेस क्लब के सचिव जगदीश उपाध्याय, भाजयुमो के जिलाध्यक्ष मनोज ओली, पत्रकार हरीश नगरकोटी, नवीन रावल, मनीष गड़िया, लक्ष्मण सिंह बिष्ट,दीप भट्ट, परविंदर सिंह नेगी,रमेश प्रकाश पर्वतीय आदि ने भी स्वर्गीय गिर्दा की जीवनी संस्मरण योगदान पर प्रकाश डाला और उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की।
इसके उपरांत प्रेस क्लब परिसर स्थित गिर्दा वाटिका में सामूहिक रूप से चन्दन के पौधों का रोपण किया गया। साथ ही पर्यावरणविद किशन सिंह मलड़ा द्वारा समस्त उपस्थित जनों को चन्दन के पौधे भेंट किए।