बागेश्वर-सुबह 9 बजकर 10 मिनट में विकास खण्ड कपकोट क्षेत्र में5.48 तीव्रता के भूकंप के झटके नुकसान की खबर पर जिला प्रशासन की राहत बचाव टीम को किया गया तुरंत रवाना देखिये पूरी अपडेट
बागेश्वर जिला आपदा कंट्रोल रूम बागेश्वर को प्रात: 09.10 बजे सूचना प्राप्त हुई कि विकास खंड कपकोट क्षेत्रान्तर्गत तीव्र भूकंप के झटके महसूस किये गये, जिसकी तीव्रता 5.48 मापी गयी। जिसमें जी.आई.सी. कपकोट, कस्तूरबा गॉधी आवासीय विद्यालय कपकोट तथा सी.एच.सी. कपकोट के भवन क्षतिग्रस्त हुए है जिसमें कईबअजेश छात्र-छात्रायें फसे हुए हैं। इस संबंध में सूचना प्राप्त होते ही जिलाधिकारी विनीत कुमार ने जिला आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर घटना के संबंध में जानकारी प्राप्त करते हुए आप हेतु गठित जनपद स्तरीय आइर्.आर.एस. एवं एन.डी.आर.एफ. एवं एस.डी.आर.एफ. की टीमों को राहत एवं बचाव के लिए घटना स्थल की ओर शीघ्र रवाना करने के निर्देश दियें गयें। तथा जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक स्वंय भी घटना स्थल पर पहुंचकर संबंधित टीमों को त्वरित राहत एवं बचाव कार्य करने के निर्देश दियें गयें। जी.आर्इ.सी. कपकोट विद्यालय भवन में फसे चार छात्रों को एस.डी.आर.एफ. की टीम द्वारा सकुल बाहर निकाला गया, जो आंशिक रूप से घायल थे, वहीं कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में 06 बच्चें फसे हुए थे, जिन्हें एन.डी.आर.एफ. टीम द्वारा त्वरित रेस्क्यू करते हुए सकुशल बाहर निकाला गया। जिसमें एक गंभीर, दो आंशिक तथा तीन हल्के घालय थें, जिनको टीमों द्वारा सकुलशल बाहर निकालकर स्टेजिंग एरिया में उपचार किया गया तथा सीएचसी में एक घायल को सकुशल निकाला गया। ज्ञातव्य है कि जनपद बागेश्वर आपदा के दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्र है, तथा आपदा के निपटने एवं त्वरित राहत एवं बचाव कार्य करने के उद्देश्य से आज कपकोट क्षेत्र में जिलाधिकारी विनीत कुमार के निर्देशन में आर्इ.आर.एस. एवं एन.डी.आर.एफ तथा एस.डी.आर.एफ. की टीमों द्वारा संयुक्त रूप से मॉक ड्रिल किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद आपदा की दृष्टि से एक संवेदनशील क्षेत्र है जिसमें कर्इ तरह से आपदा घटित होती रहती है, जिसके लिए जनपद में गठित टीमों द्वारा तत्काल घटना स्थल पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य किया जा सकें, इस तरह के मॉक ड्रिल से की कार्यवाही के संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है तथा किसी भी कमी को इस अभ्यास के माध्यम दूर किया जा सकता है, जिससे कि आपदा जैसी घटना घटित होने पर इसके लिए त्वरित राहत एवं बचाव कार्य त्वरित गति से किया जा सकें। उन्होंने कहा कि इस तहर के अभ्यास से हमारे पास उपलब्ध संसाधनों का भी ठीक ढंग से परीक्षण हो पाता हैं, तथा किसी उपकरण की कमी होने पर उस कमी को दूर करने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने एन.डी.आर.एफ. एवं एस.डी.आर.एफ. एवं संबंधित आर्इआरएस टीम को बधार्इ दी की सभी द्वारा कम समय में त्वरित गति से कार्य करते हुए राहत एवं बचाव कार्य किया गया जिसके लिए सभी टीमें बधार्इ के पात्र है। उन्होंने कहा कि भविष्य में कोर्इ घटना घटित होने पर सभी अधिकारी एवं कर्मचारी आपसी समन्वय के साथ एकजुटता एवं धैर्य के साथ राहत एवं बचाव कार्य में अपना पूर्ण सहयोग देंगे, ताकि आपदा से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। इसके पश्चात जिलाधिकारी द्वारा संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ बैठक कर मॉक ड्रिल में रह गयी कमियों को दूर करने के निर्देश दिये गयें। उन्होने निर्देश दियें कि सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को हर समय सर्तक रहते हुए आपदा जैसी घटना घटित होने पर सभी अधिकारी आपसी समन्वय के साथ कार्य करें, तथा जो जिम्मेदारी एवं दायित्व जिस अधिकारी को दिये गये है वे उसी के आधार पर अपने दायित्वों को निवर्हन करना सुनिश्चित करें, इसमें किसी भी प्रकार की विलंब एवं शिथिलता नहीं होनी चाहिए और कहा कि हम जितने अलर्ट रहेंगे तभी हम त्वरित गति घटना स्थल पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य करे पायेंगे तथा आपदा से होने वाले नुकसान को भी कम कर पायेंगे। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र पींचा, अपर जिलाधिकारी चन्द्र सिंह इमलाल, जिला विकास अधिकारी के0एन0तिवारी, उपजिलाधिकारी कपकोट प्रमोद कुमार, पुलिस उपाधीक्षक विपिन पंत, जिला पूर्ति अधिकारी अरूण कुमार वर्मा, थानाध्यक्ष मदन लाल, जिला क्रीडा अधिकारी विनोद वल्दिया, डॉ0 बृजेश रावत, जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेन्द्र बिष्ट, जिला सेवायोजन अधिकार शंकर बोरा, तहसीलदार पूजा शर्मा, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल सहित एन.डी.आर.एफ., एस.डी.आर.एफ. व पुलिस बल के जवान सहित संबंधित अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहें।