बागेश्वर में भांग की खेती को बढ़ावा देने किसानों की आय में इजाफा करने के उद्देश्य से DM ने भांग के बीज रोपित कर हैम्प उत्पादन खेती का किया शुभारंभ
बागेश्वर जनपद की किसानों की आय में वृद्धि करने एवं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए जनपद, बागेश्वर के ग्राम छाती मनकोट में हैम्प उत्पादन (भांग की खेती) को बढावा देने के लिए जिलाधिकारी विनीत कुमार स्वंय छाती गांव पहुंचकर कृषक राजेश चौबे के खेत (पॉलीहाउस) में भांग का बीज रोपित कर हैम्प उत्पादन खेती का शुभारंभ किया गया। कृषि विभाग के तत्वाधान में ग्राम छाती मनकोट में हैम्प उत्पादन प्रोजेक्ट को विकसित करने के उद्देश्य से एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर भांग की खेती का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिलाधिकारी विनीत कुमार द्वारा किया गया। शुभारंभ के अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद के किसानो की आर्थिकी को मजबूत करने के उद्देश्य से हैंप उत्पादन प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जिसके लिए विगत वर्ष इसके शुरूआत के लिए अनटार्इड फंड से धनराशि स्वीकृति की गयी है। उन्होने कहा कि इस कार्य के लिए ग्राम छाती मनकोट के तीन कृषको की दस नाली भूमि में भांग की खेती करने के लिए लार्इसेंस जारी किये गये है, जिसके तहत आज इसका शुभारंभ किया गया। उन्होने ग्रामीणो का आह्वान करते हुए कहा कि भांग की खेती करने के लिए कोई भी ग्रामीण इच्छुक है, तथा जिनके पास अपनी भूमि उपलब्ध हैं, वे लाइसेंस लेने के लिए आवेदन पत्र जिला आबकारी अधिकारी को उपलब्ध करा सकता है, जिसमें गठित कमेटी द्वारा भूमि का सर्वे करते हुए उसी के आधार पर उनके माध्यम से लाइसेंस निर्गत किये जाते है। उन्होने कहा कि मनकोट में एक कलस्टर के रूप में हैम्प का उत्पादन हो, इसकी शुरूआत ग्राम छाती से की जा रही है। इसके लिए उन्होने अधिक से अधिक ग्रामीणो को भी इसका उत्पादन करने का आह्वान किया। उन्होने कहा कि इसके उत्पादन के लिए किसानो को ज्यादा मेहनत करने की जरूरत भी नहीं होंगी तथा इससे किसानों को इसके उत्पादन से अधिक मुनाफा होगा। उन्होने कहा कि हैम्प उत्पादन को शुरू में पॉलीहाउस एवं बाहर भी दोनो में इसका प्रयोग किया जा रहा है तथा इसका उत्पादन किस रूप में अधिक उत्पादित होगा उसी के आधार पर इसे आगे विकसित करने की कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि हैम्प उत्पादन एक ऐसा उत्पादन है जिससे रोटी, कपडा और मकान तीनो मिलता है, तथा इससे लगभग पांच हजार प्रोडेक्ट भी तैयार किये जाते है। उन्होंने कहा कि हैंप उत्पादन की मार्केटिंग में भी कोर्इ परेशानी नहीं होगी तथा सभी किसानो को इसके उत्पादन के लिए लार्इसेंस लेकर इसका उत्पादन शुरू करें, जिससे कि उनके आय में भी बढोतरी होगी। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में कृषक राजेश चौबे के दस नाली जमीन में इसका प्रयोग किया जा रहा हैं, तथा इसकी खेती के लिए 20 नाली तक के लाइसेंस के लिए आवेदन आये हुए है, जिसके लिए एक हैक्टेयर तक पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि इसके परिणाम अच्छे रहे तो इसे कलस्टर के रूप में विकसित किया जायेगा। उन्होने कहा कि हैम्प उत्पादन को बढावा देने के लिए आज प्रशिक्षण कार्यक्रम भी रखा गया है जिसके माध्यम से मास्टर टे्रनर द्वारा उपस्थित ग्रामीणो को विस्तार से जानकारी दी गयी। इस अवसर पर जिलाधिकारी विनीत कुमार ने किसान राजेश चौबे द्वारा पॉलीहाउस में उत्पादित की गयी सब्जी इत्यादि का भी निरीक्षण किया। इस अवसर पर बांस एवं रेशा परिषद देहरादून से आये मास्टर टे्रनर आशिष कुमार ने उपस्थित ग्रामीणों को हैम्प उत्पादन (भांग की खेती) के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि भांग की खेती करने में केार्इ ज्यादा परिश्रम नहीं लगता है, तथा इसके उत्पादन से आमदनी में भी वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि भांग का रेशे से कृषक सौ रूपये प्रति किलो0 से चार हजार रूपये प्रति किलो0 तक कमा सकता है। इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी वीपी मौर्या, जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह, तहसीलदार दीपिका आर्या, सहायक विकास अधिकारी उद्योग पंकज तिवारी,कृषक दिनेश पांडे सहित अन्य विभागों के अधिकारी एवं ग्रामीण मौजूद रहे।