उत्तराखंड-13 वां राष्ट्रीय कुमाऊँनी भाषा सम्मेलन बागेश्वर में होगा आयोजित, कार्यक्रम को लेकर मंथन

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आर. पी. काण्डपाल

अपनी बोली अपनी भाषा को संरक्षित करने कि कवायद तेज हो चुकी है। इस कडी मे 13 वां राष्ट्रीय कुमाऊँनी भाषा सम्मेलन बागेश्वर मे होना पूर्व की बैठक में ही तय हो चुका था आज इसी कुमाऊनी भाषा सम्मेलन के सम्बन्ध मे एक बैठक आयोजित कर तैयारियों का जायजा लिया गया व अगली बैठक मे समितियों के गठन का फैसला लिया गया । जिसमे भोजन, आवास, यातायात, स्टेशनरी आदि विषय सम्मलित है । कुमाऊँनी पुस्तकालय कि स्थापना के लिए देवकि लघु वाटिका का चयन किया गया।
13 वां राष्ट्रीय कुमाऊँनी भाषा सम्मेलन 25 दिसम्बर से 27 दिसम्बर तक बागेश्वर मे आयोजित होना है जिसमे आने वाले अतिथियों के लिए निशुल्क आवास व्यवस्था व जिले के सभी सम्मानित जनो को बुलाने पर चर्चा कि गयी।
बैठक मे बहादुर बोरा श्रीबंधु कथा साहित्य पुरस्कार हेतु वरिष्ठ कुमाऊँनी साहित्यकार मोहन कबडवाल का नाम तय किया गया एंव पांच साहित्यकारों को वाषिर्क पुरस्कार देने का फैसला लिया गया।
बैठक मे किशन सिंह मलडा, आलोक पाण्डेय, डां हेम दुबे, गोपाल बोरा, गोपाल जोशी, केशवानंद जोशी, राजेन्द्र परिहार, राकेश प्रकाश, जगदीश दफौटी, गौरव दास, डां के, एस. रावत, मनोज ओली, भाष्कर नेगी, आकाश आदि मौजूद रहे।


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