उत्तराखंड:बागेश्वर व कपकोट विधानसभा में टिकटों के ग्रीन सिग्नल के बाद क्या अब होगी बगावत ?
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव २०२२को लेकर बागेश्वर विधानसभा और कपकोट विधानसभा में अब प्रमुख ३ पार्टियों की स्थिति लगभग साफ हो गई है जहां दोनो विधानसभा में aap ने सबसे पहले बागेश्वर विधासभा से बसंत कुमार और कपकोट से भूपेश उपाध्याय को टिकट देकर अपने पत्ते खोले तो भारी मशक्कत के बाद भाजपा द्वारा भी काफी गुणा भाग करने के बाद जहां बागेश्वर सीट से अपने ३बार के विजेता चंदन राम दास को चौथी बार भी मैदान में उतारा तो कपकोट से अपने युवा नेता सुरेश गड़िया को कपकोट के रण में उतारकर राजनीति के पंडितों के समीकरणों को पलट कर रख दिया वहीं बीते शनिवार को बहुत माथापच्ची के बाद देर रात कांग्रेस ने भी अपना फैसला सुनाते हुवे बागेश्वर विधानसभा से इस बार बीते २ चुनावों में गच्चा खा चुके युवा नेता रंजीत दास को टिकट देकर अपना दांव खेल दिया है ।तो वहीं कपकोट के रण से अपने बेहद चर्चित 2012 में चुनाव जीते पूर्व विधायक ललित फर्सवान को मैदान में उतार कर चुनावी बिगुल बजा दिया है।अब दोनो विधानसभा में टिकट की स्थिति लगभग साफ होते ही पूरे जिले में राजनीति भी गरमा गई है अब संकट है भीतरघात का जहां कपकोट विधानसभा में टिकट वितरण से नाराजगी जाहिर करते हुवे कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपना इस्तीफा देकर जोर का झटका दिया तो पूर्व विधायक शेर सिंह गाड़िया द्वारा भी मोर्चा खोलने की खबरें सामने आ रही हैं सोमवार को देखना होगा की शेर सिंह गड़िया क्या निर्दलीय उम्मीदवार कपकोट के रण में उतरेंगे वहीं कुछ ऐसी ही स्थिति बागेश्वर के रण में कांग्रेस की भी है ,यहां बीते २०१७के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लडे कांग्रेस नेता बाल कृष्ण भी टिकट न मिलने से नाराज चल रहे हैं यहां तक की चर्चा है कि वो अपने कई कार्यकर्ताओं के साथ कल सोमवार को इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर सकते हैं अब ये देखना दिलचस्प होगा कि बगावती तेवर अपना चुके ये नेता कोई बड़ा फैसला लेते हैं या पार्टी इन्हे मना लेगी ये तो समय ही तय करेगा लेकिन जैसा राजनीति का माहौल जिले में चल रहा है उसे देख तो लगता है कि 2022की जंग बेहद रोचक हो सकती है।