उत्तराखंड:- कुमाऊं की काशी बागेश्वर में उत्तरायणी पर्व पर सरयू में आस्था की डुबकी, त्रियुगी नारायण और बागनाथ मंदिर समूह में श्रद्धालुओं ने की पूजा अर्चना,कई जनेऊ संस्कार आयोजित

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उत्तराखंड में कुमाऊं की काशी के नाम से सुमार भगवान शिव की बागनाथ नगरी बागेश्वर में मकर संक्रांति , उत्तरायणी पर्व के अवसर पर आज सुबह से ही भगवान शंकर के बागनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा ।

सुबह से ही सरयू तट पर लोगों ने स्नान किया और तिरियुगी नारायण और बाबा बागनाथ मंदिर में पहुंच पूजा अर्चना की इस अवसर पर बाबा बागनाथ मंदिर समूह को बड़ी ही खूबसूरती के साथ फूल मालाओं से सजाया गया था वहीं मान्यता है की माघ माह उत्तरायणी पर सरयू गोमती अदृश्य सरस्वती के तट पर स्नान का विशेष महत्व रहता है और इस माह में पूजा पाठ, और भगवान शिव के जलाभिषेक का विशेष महत्व भी रहता है।इसी दौरान आज के इस पावन अवसर में सरयू तट में कई नौनिहालों के उपनयन संस्कार का आयोजन भी हुआ और स्थानीय सूरज कुंड में भी कई युवाओं के जनेऊ संस्कार आयोजित हुवे।


वहीं आपको अवगत करा दे की बागेश्वर भूमि में हर साल माघ के प्रथम पैट से यहां ऐतिहासिक,धार्मिक,पौराणिक ,व्यापारिक उत्तरायनी मेले का आयोजन होता है लेकिन इस साल भी कोरोना के बड़ते मामले के चलते यहां होने वाले इस सुप्रसिद्ध उत्तरायणी मेले का आयोजन नहीं किया जा रहा है। लेकिन लोगों की आस्था इस पर्व के प्रति इतनी अधिक है कि आज के दिन बड़ी संख्या में लोगों ने गंगा स्नान और तिरयुगी नारायण, बागनाथ मंदिर समूह में पूजा अर्चना कर अपनी पौराणिक परंपरा को बनाए रखने का कार्य किया।

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